खड़े-खड़े चक्कर आना, ब्लड प्रेशर कम हो सकता है
खड़े-खड़े चक्कर आना एक सामान्य समस्या हो सकती है, जिसे ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन या पोस्टोरल हाइपोटेंशन कहा जाता है। यह तब होता है जब ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। यह स्थिति आमतौर पर आपके शरीर की पोजीशन बदलने पर होती है, जैसे बैठने से खड़े होने पर। क्लिनिक स्पॉट्स होलिस्टिक हेल्थकेयर के मेडिकल हेड डॉ. हरिकिरन चेकुरी के अनुसार, अगर चक्कर अधिक समय तक रहें तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। यह समस्या 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम है क्योंकि उम्र के साथ रक्त वाहिकाएं कमजोर होने लगती हैं, जिसके कारण मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और चक्कर आ सकते हैं।
खड़े-खड़े चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अचानक खड़ा होना, गर्मी, डिहाइड्रेशन, शराब का सेवन, वर्कआउट, दवाओं का असर, पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां। जब आप खड़े होते हैं, तो शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया को होमोस्टैसिस कहा जाता है, जो शरीर के अंदर संतुलन बनाए रखने का काम करती है। जब अचानक स्थिति बदलती है, तो शरीर को संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होती है, जिसके कारण चक्कर आ सकते हैं। Dizziness
इसके अलावा, डिहाइड्रेशन की स्थिति में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना और बेहोशी हो सकती है। शराब का सेवन भी रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और खड़े होने पर चक्कर आ सकते हैं। कुछ दवाएं भी ब्लड प्रेशर को बदल देती हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और आपकी सामान्य जिंदगी पर असर डालने लगे, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खासकर अगर कोई गंभीर बीमारी या दवा के प्रभाव के बाद चक्कर आने लगे। डॉक्टर से परामर्श लेने के साथ-साथ पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार लेना और नियमित शारीरिक गतिविधि करना भी बेहद महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से कम से कम 15 मिनट की वॉक या अन्य शारीरिक व्यायाम करने से ब्लड फ्लो बेहतर हो सकता है, और चक्कर आने की समस्या में भी राहत मिल सकती है। अगर आपको खड़े होने पर बेहोशी, सिरदर्द या सहारे की जरूरत महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।