हिन्कार गिरी पर उपधान तप मोक्षमाला महोत्सव दूसरा दिन

जीवन में शुभ शगुन के लिए प्रभु स्मरण जरूरी - पूज्य आनंद सागर महाराज

इंदौर। जीवन में शुभ शगुन के लिए प्रभु का स्मरण अत्यंत ही जरूरी है आज हम भौतिक वस्तुओं के पीछे लालाईत रहते हैं जबकि वास्तविक जीवन आनंद के लिए प्रभु की भक्ति और आध्यात्मिक से जुड़ाव जरूरी है हमको आने वाली पीढ़ी में सद विचारों को पहुंचना है।
यह विचार हिन्कार गिरी में मोक्षमाला महोत्सव उपधान उत्सव के दूसरे दिन सोमवार को भगवान पार्शनाथ भगवान के दिव्य विशाल अभिषेक के दौरान कहीं इस अवसर पर 10000 वर्ग फीट से ज्यादा बड़े पंडाल में उत्सव के लिए श्रद्धालूओ का सैलाब देश के विभिन्न प्रमुख शहरों से जैन समाज के परिवार शामिल हुए। 47 दिनों तक कठिन उपधान साधना के पूर्ण होने पर मनाया जा रहा है इस महा महोत्सव में सोमवार को उत्सव देखते ही बन रहा था।

केसर चंदन और सुगंधित द्रव्यों से जब महा अभिषेक प्रारंभ हुआ तो भक्तों का हृदय उमंग उल्लास और उत्साह के साथ आनंदित हो उठा उन्होंने अद्भुत एहसास की अनुभूति होने लगी 4 घंटे के लिए सारा वातावरण ही परमात्ममय बन गया इस मौके पर पूज्य आनंद चंद्र सागर जी महाराज साहब ने कहा कि जीवन में कई बार हम सेठ के नौकर, पुत्र के पिता, बहन के भाई आदि रिश्तों तो कई जन्मों में कई बार बने हैं पर यह मानव भव परमात्मा का भक्त बनने के लिए ही मिला है प्रभु के भक्त की तीन पहचान होती है वह कभी मन से दरिद्र नहीं होता वह कभी हृदय से तुच्छ विचार नहीं करता और वह धन के मामले में कभी कंजूस नहीं होता अर्थात तुच्छता दरिद्रता कंजूसी इन तीनों से जो ऊपर उठना है वही परमात्मा का सच्चा भक्त होता है उन्होंने यह भी कहा कि जो पानी में डूबता है वह मर जाता है पर जो प्रभु की भक्ति में डूबता है वह तीर जाता है भगवान का विस्मरण ही मृत्यु है और भगवान का स्मरण ही जीवन में आनंद है अमृत है शगुनवंत हैआज के इस शक्रस्तव के लाभार्थी कटारिया परिवार थे
—- मंगलवार को 4 किलोमीटर लंबी भव्य शोभायात्रा, बुधवार को मुख्य महोत्सव मोक्ष माला प्रदान करेंगे गुरुवार
प्रवीण गुरुजी ने बताया 19 तारीख को समस्त 55 आराधक कल सुबह साधना पूर्ण कर ,पोषध पार कर कालानी नगर पधारेंगे और वहां से भव्य विराट रथयात्रा का प्रारंभ सुबह 9.15 पर होगा जिसमें सभी सजधज कर बग्गी में बैठेंगे और पूरा जनसैलाब कल से विजय उत्सव मनाना प्रारंभ करेगी इस आराधना के दौरान आराधकों ने अपने कई कई अनंत भवों के कर्मों के निर्जरा की है और शुभ कर्मों का बंध किया है ,, उपधान तप समिति से डॉ प्रकाश बंगानी,अभय गुरुजी,सुनील श्रीश्रीमाल, रितिक डोसी, निलेश कोचर, मंगलेश चोरड़िया, वैभव मेहता, नरेंद्र सतावत ने यह जानकारी दी ।20 दिसंबर को महोत्सव के अंतिम दिन पालकी उत्सव और मोक्ष माला प्रदान की जाएगी, अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज शामिल होगे देंगे।