मोहन यादव के नाम पर मोहर लगाकर सभी को चौंकाने जैसा काम विधायक दल की बैठक से निकले फैसले ने किया

madhya pradesh new cm mohan yadav
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा, इसे लेकर जारी सस्पेंस अब खत्म हो गया. और विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर सहमति की मोहर लगा दी गई है| इसके साथ ही सीएम के प्रमुख दावेदार रहे नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष होंगे| पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में इन नामों पर मोहर लगा दी गई है|
मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन, को लेकर लंबे समय से चल रहे कयासों पर भी अब पूर्ण विराम लग गया है| विधायक दल की बैठक में सोमवार को मोहन यादव के नाम पर सहमति बनी| मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं| संघ के करीबी होने का उन्हें लाभ मिला है| जानकारी अनुसार विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने ही मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव किया| अब यह तय हो गया है कि प्रदेश के मुखिया मोहन यादव होंगे|
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प्रदेश को अगला मुख्यमंत्री देने जैसे अहम फैसले के लिए भाजपा आलाकमान ने पर्यवेक्षकों की तीन सदस्यीय टीम को भोपाल भेजा था| इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, आशा लाकड़ा और के लक्ष्मण शामिल हैं| पर्यवेक्षक आज भोपाल पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की| सूत्रों ने बताया कि भाजपा आलाकमान का फरमान खट्टर लेकर आए थे और यही कारण था कि भोपाल पहुंचने के बाद भी जेपी नड्डा लगातार उनके संपर्क में रहे|
बैठक के दौरान नारेबाजी
भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में जहां विधायक दल की बैठक चल रही थी, वहीं, कार्यालय के बाहर प्रह्लाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान के समर्थक नारेबाजी करते देखे गए| यहां आपको बतला दें कि मुख्यमंत्री की दौड़ में मोहन यादव का नाम नहीं था, जबकि सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था| इससे पहले कि विधायक दल की बैठक होती प्रह्लाद पटेल के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, इससे उनके सीएम बनने का अंदेशा भी हुआ था| बहरहाल मोहन यादव के नाम पर मोहर लगाकर सभी को चौंकाने जैसा काम विधायक दल की बैठक से निकले फैसले ने किया है|
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मध्य प्रदेश में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशित तौर पर प्रचंड बहुमत हासिल किया है| जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही थी, वहां कांग्रेस को महज 66 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा जबकि भाजपा ने 163 सीटों पर जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था|

 

मोहन यादव
सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष. सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख.
सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री. सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह. सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य.
सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य. सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी, सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य. सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य, सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य, सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा),
सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य. सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक. उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित.
मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत. सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित. सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित. दिनांक 2 जुलाई,. 2020 को मंत्री बने 2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित,आज मुख्यमंत्री बने.