स्विगी का आईपीओ साल का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा
नई दिल्ली प्रमुख फूड डिलिवरी एवं क्विक कॉमर्स फर्म स्विगी ने अपने 11,327 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की घोषणा करते हुए कहा कि भविष्य में क्विक कॉमर्स से उसके कारोबार को रफ्तार मिलेगी। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि क्विक कॉमर्स अगले पांच साल में उसके फूड डिलिवरी कारोबार को पीछे छोड़ देगा। फिलहाल प्रोसस और सॉफ्टबैंक के निवेश वाली कंपनी का क्विक कॉमर्स कारोबार उसके फूड डिलिवरी कारोबार का 40 फीसदी है।
कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी श्रीहर्ष मजेटी ने कहा, ‘क्विक कॉमर्स कारोबार का दायरा काफी बड़ा है और वह फूड डिलिवरी बाजार के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए यह मानना बिल्कुल उचित है कि वह अगले पांच साल में फूड डिलिवरी कारोबार को पीछे छोड़ देगा।’ वह कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की घोषणा के अवसर पर बोल रहे थे।
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अगर सबकुछ ठीक रहा तो स्विगी का आईपीओ भारत का छठा सबसे बड़ा और ह्युंडै मोटर इंडिया के बाद इस साल का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इस आईपीओ के तहत कंपनी 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी जबकि मौजूदा शेयरधारकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के लिए 17.5 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। कंपनी का आईपीओ 6 नवंबर, 2024 को खुलेगा जिसका मूल्य दायरा 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर स्विगी का मूल्यांकन करीब 87,300 करोड़ रुपये होता है। स्विगी की प्रमुख प्रतिस्पर्धी कंपनी जोमैटो का मौजूदा बाजार मूल्यांकन 2.2 लाख करोड़ रुपये है।
स्विगी आईपीओ के जरिये जुटाई जाने वाली रकम का उपयोग अपने डार्क स्टोर नेटवर्क के विस्तार में करेगी। इसके अलावा प्रौद्योगिकी एवं क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, ब्रांड मार्केटिंग और कारोबार के विस्तार के लिए भी निवेश करने की योजना है। कंपनी अपने क्विक कॉमर्स कारोबार में 1,178.7 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कंपनी द्वारा अपने आईपीओ दस्तावेज में दर्ज 982 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है।
source – ems