NASA: पहली बार वैज्ञानिकों ने दावा किया एलियंस की मौजूदगी हो सकती है!

For the first time scientists claimed that aliens may exist!

For the first time scientists claimed that aliens may exist!
For the first time scientists claimed that aliens may exist!

नासा के डेटा का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों ने उन 85 एक्सोप्लैनेट (ग्रह) को ढूंढ निकाला है जहां जीवन होने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की माने तो ये सभी ग्रह धरती से काफी बड़े हैं, इनका व्यास 11,000 मील से लेकर 350,000 मील तक है। जबकि धरती का व्यास 8,000 मील से भी कम है।एलियंस हैं या नहीं, इसका जवाब जल्द मिल सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन ग्रहों पर तापमान उतना ही है, जो जीवन को बनाए रखने के लिए जरूरी है। यानी जहां इंसान जैसा जीव रह सकता है।अब तक 5000 से अधिक एक्सोप्लैनेट खोजे जा चुके हैं, लेकिन यह तय नहीं था कि किस एक्सोप्लैनेट पर जीवन की संभावना है। aliens 
पहली बार वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने अपने सौरमंडल से बाहर 85 ग्रहों की पहचान कर ली है, जहां एलियंस की मौजूदगी हो सकती है। वारविक विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर फेथ हॉथोर्न के नेतृत्व में एक टीम ने लंबा रिसर्च किया। पाया कि सभी 85 एक्सोप्लैनेट अद्वितीय हैं। इसमें से कुछ चट्टानी हो सकते हैं, तो कुछ पर गैसों की मात्रा ज्यादा होने की संभावना है।

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फेथ हॉथोर्न ने कहा, रहने योग्य ग्रहों की खोज करना काफी दुर्लभ है। क्योंकि रहने योग्य होने के लिए बहुत विशिष्ट परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। इसकी पुष्टि करने में भी काफी वक्त लग जाता है कि वहां रहने लायक हालात हैं या नहीं। हमारी टीम ने नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट के डेटा की छानबीन की। आमतौर पर यदि कोई ग्रह अपने तारे से उतनी ही दूरी पर है जितनी सूर्य से पृथ्वी, तभी समझा जाता है कि वह तो न गर्म होगा और न ही बहुत ठंडा। यानी यहां जीवों के रहने योग्य वातावरण होगा। जो नए ग्रह खोजे गए हैं, वे भी बिल्कुल ऐसे ही हैं। NASA
अब तक पाए गए अधिकांश एक्सोप्लैनेट की तुलना में इन 85 एक्सोप्लैनेट की कक्षीय अवधि लंबी है और इसलिए वे बहुत ठंडे हैं। सूर्य जैसे सितारों की परिक्रमा करने में इन्हें 20 से 700 दिन लगते हैं। वैज्ञानिकों ने माना कि कुल 85 एक्सोप्लैनेट में से 60 पहली बार देखे गए हैं।हालांकि, डॉ. हॉथोर्न और उनकी टीम को अभी काफी कुछ तलाश करना है। जैसे इनकी सटीक दूरी कितनी है। धरती की तरह इनका कोई चंद्रमा है या नहीं। ये वास्तव में कठिन चीजों से बने हैं और यहां ऑक्सीजन या पानी जैसी कोई चीज मौजूद है भी या नहीं।

Source – EMS