संक्रांति पर इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे
इस योग में कुंभ स्नान करना अत्यंत फलदायी
इस बार संक्रांति पर मकर अमृत योग रहेगा, जो 144 साल बाद बन रहा है। इस बार चंद्रमा अपनी स्वराशि कर्क में रहेगा जो अमृत योग बनाएगा वहीं सूर्य के मकर राशि में आने के बाद अमृत मकर योग बनेगा। यह योग 12 पूर्णकुंभ अर्थात 144 साल बाद बन रहा है। इस योग में कुंभ स्नान करना अत्यंत फलदायी रहेगा। जहां तक संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाने की बात है हर 90 साल में संक्रांति पर्व एक दिन आगे बढ़ जाता है।
1900 से 2000 के बीच संक्रांति पर्व 13 और 14 जनवरी को मनाया जाता था, जबकि 2000 के बाद अब तक अनेक बार संक्रांति 14 और 15 जनवरी को मनाई जा रही है। 2028 को भी यह 14 जनवरी को रहेगी। इसके बाद आने वाले सालों में संक्रांति पर्व 15 जनवरी को होगा। निर्यण राशियां सूर्य से आगे निकल जाती है, ऐसे में 90 सालों में संक्रांति के पर्वकाल में एक दिन का अंतर आता है।
इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। पंडितों का कहना है कि प्रयाग कुंभ के दौरान आने वाली यह मकर संक्रांति कई मायनों में खास रहेगी, क्योकि इस समय चंद्र स्वराशि कर्क में रहेगा और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के दौरान अमृत मकर योग बनेगा, जो कई सालों बाद बन रहा है। इस लिहाज से कुंभ स्नान भी विशेष फलदायी होगा। इसी प्रकार इस बार संक्रांति पर्व का पुण्यकाल चार साल बाद 14 जनवरी को मनाया जाएगा। makar sankranti 2025
इसके पहले 2021 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को आई थी। मकर संक्रांति पर श्रद्धालु उत्तरायण सूर्य को अर्घ्य देकर आराधना करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का आगमन माना जाता है। इस पर सूर्य की उपासना के साथ तीर्थ स्थलों पर दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। makar sankranti 2025
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी दोपहर 3:36 बजे होगा, ऐसे में मकर स्नान दोपहर 3:36 से प्रारंभ हो जाएग। इसके पहले 2021 में भी मकर संक्रांति 14 जनवरी को आई थी, जबकि इसके बाद से लगातार इसका पुण्यकाल 15 जनवरी को आ रहा था। इसके साथ ही शहर के गुफा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा।
खरमास समाप्ति के साथ विवाह,ग्रह प्रवेश आदि शुभ कार्यों की रहेगी धूम
साल 2024 के अंत और 2025 के प्रारंभ के 15-15 दिनों में विवाह, ग्रह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्यों पर धनु राशि गत सूर्य सौर पौष मलमास होने से मुहूर्त 14 जनवरी 2025 तक नहीं निकले। 14 जनवरी को प्रातः 08:54 बजे सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में पहुंच जाने से विवाह, गृहप्रवेश, गृहारंभ, देवप्रतिष्ठा, मुण्डन आदि सभी शुभ कार्यों के मुहूर्त शुरू हो जाएंगे और दूसरे दिन से ही कई तरह के मुहूर्त निकल रहे हैं।
जनवरी, फरवरी, 06 मार्च तक लगातार शादियों की धूम रहेगी।
06 मार्च को होलाष्टक लगेंगे जो 14 मार्च तक रहेंगे।
इसी के साथ 14 मार्च से 13 अप्रैल 2025 तक मीन राशि में सूर्य के रहने से मीन राशिस्थ सूर्य संज्ञक सौर चैत्र मलमास सभी शुभ कार्यों में वर्जित रहेगा।
पुनः 14 अप्रैल से मई, और 08 जून तक विवाह आदि शुभ कार्यों के मुहूर्त रहेंगे।
जैन ने बताया कि आगे 12 जून 2025 को गुरु ग्रह 05 जुलाई तक अस्त होने से फिर 06 जुलाई से 01नवंबर तक देव शयन काल होने से विवाह, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा आदि मुहूर्त वर्जित रहेंगे।
सन् 2025 में विवाह मुहूर्त :-
जनवरी- 2025
16, 17, 18, 19, 21, 22, 24, 30,
फरवरी- 2025
03, 04, 06, 07, 13, 14, 15, 18, 19, 20, 25
मार्च- 2025
01, 02, 03, 05, 06
अप्रैल -2025
14, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 29, 30
मई- 2025
01, 05, 06, 07, 08, 10, 15, 17, 18, 19, 24, 27, 28
जून-2025
02, 04, 07, 08
नवंबर-2025
02, 02, 04, 07, 08, 12, 13, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30
दिसम्बर -2025
04, 05, 06
नवीन गृहप्रवेश-
जनवरी 2025 में 18, 23, 24, फरवरी में 06, 07, अप्रैल में 21, 25, 30, मई में 01, 07, 08, 17, 28, जून में 04 हैं ।
देव प्रतिष्ठा मुहूर्त
जनवरी 2025
15,19,22,31 फरवरी 07,10,15,19,21,28 मार्च 01,02,06 अप्रैल 14,20,21,2425,30 मई 01,02,03,04,08,18,25,28,31 जून 07,08
source – मनोज जैन नायक