15 दिसंबर की रात से प्रारंभ होगा खरमास
एक माह के लिए शुभ कार्यों पर लगेगा ब्रेक
इंदौर। यदि आपके घर में शादी-विवाह या अन्य कोई मांगलिक कार्यक्रम है तो उसे जल्दी निपटा लें क्योंकि कुछ दिनों बाद खरमास शुरू की शुरुआत होगी जिसके चलते शुभ कामों पर एक माह का ब्रेक लग जाएगा। 15 दिसंबर की रात से खरमास की शुरुआत होगी और इसका समापन 14 जनवरी को होगा। इसके बाद से फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया कि सनातन धर्म में खरमास को अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह समारोह और सगाई नहीं होती। इस माह के दौरान कोई नया काम शुरू करना, नए मकान में गृह प्रवेश करना भी वर्जित रहता है। इसके अलावा नया वाहन या कोई नई प्रॉपर्टी खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता है।
वर्ष में दो बार आता है खरमास
पं. व्यास के मुताबिक खरमास वर्ष में दो बार आता है। पहला जब सूर्य धनु राशि में होता है। दूसरा जब सूर्य मीन राशि में आता है। इस दौरान सूर्य का पूरा प्रभाव यानी तेज पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध पर नहीं पड़ता। सूर्य की इस कमजोर स्थिति के कारण ही पृथ्वी पर इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती। हालांकि, इस मास में सूर्यदेव और गुरु बृहस्पति की आराधना विशेष फलदायी होती है।
भीष्म पितामह ने नहीं त्यागे थे खरमास में प्राण
गरुड़ पुराण के अनुसार खरमास में प्राण त्यागने पर सद्गति नहीं मिलती इसलिए महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने अपने प्राण खर मास में नहीं त्यागे थे। उन्होंने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया था। ध्यान देने की बात है कि खरमास और मलमास में अंतर है। सूर्य के धनु और मीन राशि में आने पर खरमास होता है। यह साल में दो बार आता है।
source – pandit sumit