अयोध्या के खड़ाऊ को मिलेगा जी आई टैग
वाराणसी भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या का बना खड़ाऊ, खुरुचुन पेड़ा, टीका, गुड़ को शीघ्र ही जी आई टैग मिलने वाला है। ये चारो उत्पादों में गुड़ और खड़ाऊ अयोध्या की ऒ डी ऒ पी की श्रेणी में हैं।
भगवान राम को भोग के रूप में खुरचन पेड़ा का ही भोग लगता है। जी आई टैग हेतु इसकी कागजी औपचारिकतायें पूरी हो गयी हैं। चेन्नई स्थित जी आई कार्यालय इसे सहर्ष स्वीकार भी कर लिया है। जी आई के विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ रजनी कांत नें बताया कि भगवान राम के आभूषण और प्रसाद के रूप में अयोध्या में परंपरागत रूप से तैयार किये जाने वाले कई सामानों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर बौद्धिक सम्पदा में शामिल किया जायेगा।
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वर्तमान समय में अयोध्या की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यहाँ के प्रसाद उच्च गुडवत्ता वाले हो और मिलावटी समानों से लोगों को बचाया जा सके। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यहां के उत्पादों, प्रसादो एवं मिठाईयों को प्रसाद के रूप में अपने देश के प्रमुख शहरों के अलावा बिदेशों तक एक्सपोर्ट किया जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि भक्तों तक सही और शुद्ध समानों की आपूर्ति हो सके।
डॉ राजनीकांत नें बताया कि त्रेता युग में अयोध्या ही एक ऐसा राज्य था, जहाँ सिंहासन पर खड़ाऊ रखकर 14 वर्ष तक भरत नें राज्य चलाया था। इसलिए खड़ाऊ का ऐतिहासिक महत्व है।