जामुन के बीज डायबिटीज के लिए रामबाण
हेल्थ एक्सपर्टस की माने तो जामुन खाने से ब्लड शुगर घटता है और इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। यही कारण है कि डायबिटीज के साथ जी रहे लोगों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है। शरीर को अनेक रोगों से छुटकारा दिलाने में इसका फल ही नहीं बल्कि जड़, छाल और बीज भी संजीवनी बूटी की तरह काम करती है।
वर्तमान में यह फल मौसम के हिसाब से हर जगह देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञ की मानें तो आयुर्वेद में जामुन के जड़, पत्ती, छाल और बीज का उपयोग दवा के रूप में होता है । यह मुंहासे, त्वचा और आंखों की समस्या, मोतियाबिंद, कान का रोग, दांत दर्द, मुंह के छाले, उल्टी – दस्त, बवासीर, लीवर, पीलिया, पथरी, डायबिटीज, दाद रोग, गठिया, घाव और रक्तपित्त यानी नाक-कान या अन्य अंगों से खून आने के समस्या जैसे तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से उखाड़ फेंकने में कारगर है। जामुन खाने से ब्लड शुगर घटता है और इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। Jamun Ke fayde
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जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व
यही कारण है कि डायबिटीज के साथ जी रहे लोगों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है। जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा विटामिन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं।
जामुन के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। यह पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार इसके पत्ते, फल, छिलका और गुठलियां कई प्रकार के रोगों में इस्तेमाल की जाती हैं। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त बंद हो जाते हैं। Jamun Ke fayde
अधिक सेवन करने से पेट और फेफड़े में समस्या
हालांकि जामुन के अधिक सेवन करने से पेट और फेफड़े में समस्या हो सकती है। इसका फल देर से पचता है अधिक खाने से कफ और बुखार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लेकर ही करें। नमक मिलाकर ही जामुन खाना चाहिए। बीमारी, शरीर और उम्र के आधार पर सही मात्रा एक एक्सपर्ट ही बता सकता है, इसलिए एक्सपर्ट की राय जरूर लें। गर्मी के दिनों में पेड़ों पर काले-काले जामुन जी ललचा रहे हैं। यह फल जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही सेहत के लिहाज से फायदेमंद भी होता है।
Source – EMS