भारत में सुबह के समय बढ़ते हार्ट अटैक

heart attack
heart attack

 भारत में कोविड-19 के बाद से हार्ट अटैक की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट की समस्या अब एक सामान्य स्वास्थ्य चिंता बन गई है, और यह समस्या अक्सर दिन के शुरुआती घंटों में सामने आती है। हालिया शोध और विशेषज्ञों के मुताबिक, सुबह के समय कार्डियक अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं की कई संभावित वजहें हो सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह लगभग 4 बजे के आसपास शरीर से साइटोकिनिन नामक हार्मोन का रिलीज होना, अचानक कार्डियक अरेस्ट का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह हार्मोन अरिदमिया (असामान्य हार्ट रिदम) का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे शरीर में एक आंतरिक बायोलॉजिकल क्लॉक होती है, जो हमारी दैनिक गतिविधियों और नींद-जागरण चक्र को नियंत्रित करती है।  Heart attacks increasing in the morning in India

दिन के समय लोग अधिक सक्रिय होते हैं, जबकि रात के समय शरीर थका हुआ महसूस करता है और नींद की आवश्यकता होती है। बायोलॉजिकल क्लॉक के कारण, सुबह के शुरुआती घंटों में ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट में वृद्धि होती है, जो कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। health of heart

यह वृद्धि सुबह के समय स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सुबह के समय हार्ट अटैक और कार्डियोवस्कुलर इमरजेंसी के मामलों में वृद्धि के पीछे सरकेडियन रिदम एक प्रमुख कारण हो सकती है। सरकेडियन रिदम शरीर की 24 घंटे चलने वाली क्लॉक की तरह होती है, जो पर्यावरण और लाइट के बदलावों पर आधारित होती है। सुबह 4 से 10 बजे के बीच ब्लड प्लेटलेट्स चिपचिपे हो जाते हैं और एड्रेनालाइन ग्रंथियों से अधिक एड्रेनालाइन रिलीज होने से कोरोनरी धमनियों में प्लाक टूट सकता है।

Also Read – Health: मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल से मिर्गी के दौरे!

लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि सुबह के समय ब्लड में प्रोटेक्टिव मॉलिक्यूल्स का स्तर कम होता है, जिससे ब्लड क्लॉट और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह और नींद की अंतिम स्टेज में कार्डियक इमरजेंसी और स्ट्रोक की संभावना अधिक होती है। इसलिए, विशेषज्ञ दिन की शुरुआत में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने की सलाह देते हैं।

source  – ems