ज्वार की रोटी काफी फायदेमंद
भारत में ज्वार को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है
सर्दियों में काफी तरह-तरह की डिशेज बनती हैं। इनमें से ही एक है ज्वार की रोटी। ज्वार कई विटामिन-मिनरल्स से भरपूर होता है, इसलिए इसका सेवन करना सर्दियों में काफी फायदेमंद माना जाता है। ज्वार ग्लूटेन-फ्री होती है, इस सबसे अच्छे अनाजों में गिना जाता है। भारत में ज्वार को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे तमिलनाडु में चोलम और आंध्र प्रदेश में जोन्ना। ज्वार को पीसकर आटा बनाया जाता है जिसका उपयोग रोटी, भाकरी, चीला, डोसा आदि बनाने में किया जाता है। यह बाजरा परिवार का सदस्य है इसलिए पहले से ही यह उपयोग में लिया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है और सर्दियों में लोग अक्सर ज्वार की रोटी खाना पसंद करते हैं।
ग्लूटेन एक प्रोटीन घटक है जो गेहूं और जौ आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यह सूजन, दर्द और पेट में ऐंठन जैसी पाचन समस्याओं का कारण बनता है। ज्वार में ग्लूटेन ना होने के कारण यह काफी अधिक मात्रा में खाया जाता है। जौ या चावल जैसे अन्य अनाजों की तुलना में, ज्वार में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। ज्वार की एक सर्विंग में 12 ग्राम से अधिक फाइबर होता है जो फाइबर की जरूरत का लगभग आधा होता है। हाई फाइबर वाली डाइट मोटापा, स्ट्रोक, हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट डिसीज, डायबिटीज और डाइजेशन जैसी समस्याओं से बचाता है। ज्वार कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है जो धीरे-धीरे पचता है। नतीजतन, यह ब्लड शुगर को स्थिर रखता है इसलिए, यह डायबिटीज रोगियों और वजन कम करने वाले लोगों के लिए बेहतरीन ऑपशंस है। jowar roti
ज्वार के एक कप में 8.45 मिलीग्राम आयरन होता है। ज्वार में आयरन नॉन-हीम (अवशोषित करने में कठिन) होता है इसलिए इस विटामिन सी के स्रोत के साथ मिलाने से आपको अधिकतम लाभ मिलेगा। ज्वार में मैग्नीशियम काफी अधिक मात्रा में होता है। ज्वार शरीर में कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि मैग्नीशियम कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाता है। ज्वार में अन्य अनाजों की तुलना में अधिक फाइबर होता है। फाइबर पेट भरा महसूस कराता है और आप कम खाते हैं जिससे वजन कम होने के चांस बढ़ जाते हैं।
Souce – EMS