42वाँ भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला – 2023 – मनमोहक संगम वृहद भारतीय संस्कृतियों का!
राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में इन दिनों चल रहे 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में न केवल दिल्लीवासी ही; बल्कि, देश के विभिन्न राज्यों से आगंतुकों का ताँता लगा हुआ है!
और, हो भी क्यों नहीं! भारत देश में है विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहरों की विरासत! ऐसे में इस मेले में आकर आप भी पाते हैं न केवल विभिन्न प्रकार के सामानों को ख़रीदने का अवसर; बल्कि, इसके साथ ही आपको मिलता है भारत की अनगिनत वृहद संस्कृतियों और परंपराओं को अच्छे से जानने का मौक़ा!
कुल 14 दिनों तक चलने वाले इस सांस्कृतिक समागम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए भारतवासी अपनी-अपनी मनोरम संस्कृतियों को प्रदर्शित करते हैं। फिर चाहे वो गायन-वादन के ज़रिए हो या सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों द्वारा हो या फिर नुक्कड़ नाटक, इत्यादि के द्वारा हो! इस भव्य समागम में आकर जैसे आप अपने आप ही भारतीयता की भावना से प्रफ़ुल्लित हो उठते हैं।
इसी क्रम में हरियाणा की पारंपरिक पोशाक पहने कलाकारों के ढाफ़, मंजीरे और ढोल-नगाड़ों की मनोरम धुनों को सुनते ही यहाँ पर आने वाले सभी उम्र-वर्ग के आगंतुक मस्ती से झूम उठने पर मजबूर हो जाते हैं! साथ ही हरियाणा के जाने-माने बीन-सपेरा पार्टी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक धुनों ने आगंतुकों के बीच अपना एक अलग ही क्रेज़ बना रखा है।
श्रीनाथ दीक्षित
संवाददाता, दिल्ली