नई दिल्ली (ब्यूरो)। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को जो जख्म दिया वो अब तक भरता नहीं दिख रहा है। अडानी समूह के कर्ज को दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस ने सवाल उठाया है। एक इंटरव्यू के दौरान मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के फाउंडर मार्क मोबियस ने अडानी के कर्ज पर सवाल उठाते हुए कंपनी में निवेश करने से इंकार कर दिया है। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में सेबी की जांच को लेकर सुनवाई हो रही है।
मार्क मोबियस ने कहा उनकी फर्म भारत अपने निवेश को बढ़ाने की योजना बना रही है, लेकिन वो फिलहाल अडानी समूह में निवेश नहीं करेंगे। मार्क ने कहा कि उनके निवेश पोर्टफोलियो में भारत दो सबसे बड़े बाजारों में से एक है। जहां तक अडानी समूह में निवेश का सवाल है, वो फिलहाल उससे दूरी बनाकर रखेंगे। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से उन्होंने इंकार कर दिया।
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की जिसमें भारत के सबसे बड़े बिजनेस में से एक अदाणी समूह पर कई तरह के आरोप लगाए गए। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर पर करोड़ों रुपए की हेर-फेर का आरोप लगाया था, जिसके बाद ग्रुप के शेयर बुरे तरीके से पिटे थे। इससे अदाणी में समूह में निवेश करने वाले निवेशकों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।
Also Read – Twitter Big Update: लिंडा याकरिनो ट्विटर की नई सीईओ उधर अडाणी समूह 2 अरब डॉलर से ज्यादा के कर्ज की किश्ते चुकाने के लिए विदेशों में अपनी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी के लिए घूम रहे हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही उनकी कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आने से 3 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। उल्लेखनीय है कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने कहा कि अदाणी समूह में उसका कुल एक्सपोजर 27 हजार करोड़ रुपये का है।
जो उसकी पूंजी का 0.88 फीसदी ही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अदाणी समूह की कंपनियों को 2.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। एसबीआई द्वारा दिए गए कर्ज में इसकी विदेशी इकाइयों में 200 मिलियन डॉलर शामिल है।