खजराना मंदिर के मास्टर प्लान का प्रारुप स्वीकृत
लड्डू दुकान से मंदिर तक बनेगा रैम्प, सीधे गणेशजी के सामने पहुंचेंगे
इंदौर। शहर के प्रसिद्ध आस्था के केन्द्र खजराना गणेश मंदिर को विश्व प्रसिद्धि दिलाने में प्रशासक लगा हुआ है। शीघ्र ही इसके मास्टर प्लान पर काम शुरू किया जाएगा। मास्टर प्लान के प्रारुप को कलेक्टर और मंदिर प्रशासक आशीषसिंह ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्वीकृति मिलते ही योजना के पहले चरण में 40 करोड़ के काम किए जाएंगे। इस राशि से कई नए कार्य किए जाएंगे। मंदिर में रिक्त पड़ी जमीन और सम्पत्ति पर नए कार्य होंगे। स्वीकृत प्रारुप के कार्य अगले माह शुरू कराए जाएंगे। विकास कार्य में लगने वाली राशि मंदिर समिति और जनसहयोग से ली जाएगी।
मंदिर समिति के पास हर साल 4 से 5 करोड़ रुपए दानपेटियों से आते हैं। इस राशि से कर्मचारियों का वेतन, बिजली सहित अन्य काम किए जाते हैं। वर्तमान में मंदिर समिति के खजाने में इतनी राशि नहीं है कि वह अपने खर्च से विकास कार्यों को शुरू कर सके। मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट ने बताया कि मंदिर में हर साल लाखों भक्तगण पहुंचते हैं। विशेष दिनों में भक्तों का आने का सिलसिला सुबह से रात तक चलता रहता है।
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कई बार इतनी भीड़ उमड़ जाती है कि उस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है। बेरीकेडिंग में कतार लगाकर भक्तों को दर्शन कराए जाते हैं। बेरीकेडिंग में भी भक्तों को लंबे समय तक खड़े रहना पड़ता है। भीड़ अधिक होने से जो भक्त मंदिर परिसर में बैठकर ध्यान करना चाहता हैं, वे ध्यान नहीं कर पाते हैं। वहीं लड्डू दुकानों पर भी अपेक्षाकृत अधिक भीड़ उमड़ती है। दर्शन के लिए भक्तगण गर्भगृह में जाने का प्रयास करते हैं। कुछ भक्त कतार तोड़कर दर्शन करते हैं। इस तरह की कई परेशानियों का सामना भक्तों को करना पड़ता है। प्रथम चरण की राशि से मंदिर में 10 हजार स्क्वेयर फीट एरिया में काम कराए जाएंगे।
ये होंगे विकास कार्य
<पुराने मंदिरों का नवीनीकरण <लड्डू दुकान से मंदिर तक बनेगा रैम्प<वेटिंग हॉल, जिसमें भक्तगण ध्यान मनन कर सकेंगे <फेसिलिटी रुम, जिसमें फीडिंग की व्यवस्था रहेगी<मेडिकल कक्ष-जिसमें प्राथमिक उपचार के साथ सामान्य बीमारियों की दवाइयां <पूजन और अन्य कार्य के लिए अलग से कक्ष<व्यवस्थित पार्किंग और बैठक कक्ष <महिला, पुरुषों और दिव्यांगों के लिए दर्शन की अलग व्यवस्था