छठ महापर्व: आस्था एवं श्रद्धा के चार-दिवसीय महा अनुष्ठान की शुरुआत आज से
इस वर्ष शहर के 150 से अधिक घाटों पर हो रहा छठ महोत्सव का आयोजन
इंदौर: लोक आस्था के महापर्व, छठ की शुरुआत आज नहाय-खाय से होगी, जो श्रद्धा, संकल्प, और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। मंगलवार की सुबह से ही व्रतधारी और उनके परिवारजन घरों की सफाई एवं शुद्धिकरण में जुट जाएंगे, जिसके बाद व्रतधारी स्नान कर शुद्ध, सात्विक भोजन ग्रहण कर इस चार दिवसीय पर्व का शुभारंभ करेंगे। व्रतधारी के भोजन करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य भोजन ग्रहण करेंगे। नहाय-खाय के दिन व्रतधारी गेहूं धोने और सुखाने का कार्य भी करेंगे।
खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ होगा।
महापर्व के दूसरे दिन, 6 नवंबर (बुधवार) को खरना का आयोजन होगा, जिसमें व्रतधारी सुबह स्नान-ध्यान कर पूरे दिन का व्रत रखेंगे। शाम को व्रतधारी मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से गुड़ की खीर और गेहूं की रोटी का प्रसाद बनाएंगे और भगवान सूर्य को अर्पित करेंगे। प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। इसी दिन प्रसाद भी तैयार किया जाएगा, जिसे अर्घ्य के समय भगवान सूर्य को अर्पित किया जाएगा।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का अनुष्ठान।
7 नवंबर (गुरुवार), कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। यह दृश्य पूरे श्रद्धा भाव से इंदौर के विभिन्न छठ घाटों पर देखने को मिलेगा।
उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन।
8 नवंबर (शुक्रवार) को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का विधिवत समापन होगा।
150 से अधिक घाटों पर छठ पूजा के भव्य आयोजन की तैयारियाँ अंतिम चरण में।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के के झा के अनुसार, इस वर्ष इंदौर के 150 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। छठ आयोजन समितियां अपने-अपने क्षेत्रों के घाटों की सफाई और सजावट के अंतिम चरण में हैं। इंदौर और इसके आसपास के क्षेत्र, जैसे स्कीम नं. 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, निपानिया, तपेश्वरी बाग, फीनिक्स टाउनशिप, पिपलियाहाना तालाब, एरोड्रम रोड, कैट रोड सूर्य मंदिर, राऊ और पीथमपुर आदि में श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। chhath parv 2024
झा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में शहर के स्थानीय निवासियों में भी छठ महापर्व के प्रति रुचि बढ़ी है और वे इस पावन पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
छठ महापर्व का कार्यक्रम विवरण
5 नवंबर, मंगलवार: नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का प्रारंभ
6 नवंबर, बुधवार: खरना का आयोजन
7 नवंबर, गुरुवार: डूबते सूर्य को अर्घ्य
8 नवंबर, शुक्रवार: उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ पर्व का समापन।