अमृत, सिद्धि साध्य योग और हस्त नक्षत्र के संयोग में नागपंचमी

09 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी नाग पंचमी

Nagpanchmi 2024
Nagpanchmi 2024

मुरैना (मनोज जैन नायक) बरसात के मौसम में सर्प से काटने की घटना बहुत देखी जा सकती है ऐसा कहा जाता है कि किसी पूर्व भव के बेर के अनुसार किसी व्यक्ति को नाग काट लेता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी के नाम से विख्यात है।
इस वार श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि 09 अगस्त शुक्रवार को अमृत योग, सिद्धि योग,,साध्य योग हस्त नक्षत्र के संयोग में शुभ रहेगी।इस दिन नागों का पूजन किया जाता है इस दिन व्रत करके सांपों को पूजा जाता है गरुड़ पुराण में ऐसा सुझाव दिया गया है कि नाग पंचमी के दिन घर के दोनों तरफ दरवाजे के दोनों तरफ बगल में नाग की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग है अर्थात शेषनाग आदि सर्पराजाओं का पूजन श्रावण शुक्ल पंचमी को होना चाहिए इससे नागों के प्रकोप से बचने के लिए यह दिन रखा गया है।  nag panchami 2024
जैन ने कहा जिनकी कुंडली में कालसर्प योग है अथवा राहु की महादशा है या केतु की महादशा है और अंतर्दशा है उन्हें भी इस प्रकार से विधिवत ना की आकृति बनाकर उनका पूजन करना चाहिए और हो सके तो किसी सपेरे से जिंदे नाग को मुक्त करना चाहिए इससे कुंडली में राहु या कालसर्प योग है तो वह योग समाप्त हो जाता है। हालाकि कालसर्प योग के संदर्भ में प्राचीन ज्योतिष ग्रंथ में कहीं वर्णन नहीं आया कि कालसर्प योग कुंडली में बनता है और इतना भयानक होता है जितना कि उसे आज के समय में बताया जाता है। प्राचीन समय में भी इसे सर्प योग का नाम दिया गया था और कहा था कि जिस स्थान पर यह योग बनता है वह राहु पाप ग्रह होने की वजह से व्यक्ति को उन वस्तुओं को अभाव करता है जन्म कुंडली के जिस घर में यह बैठ जाता है इसलिए कालसर्प योग से डरने की आवश्यकता नहीं है।

नागपंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

09 अगस्त शुक्रवार को नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा वैसे तो पूरे दिन कभी भी की जा सकती है।
लेकिन पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 9 अगस्‍त को सुबह 05 :47 बजे से 08: 27 बजे तक रहेगा। दोपहर में 12:13 से 01 तक का समय भी पूजा के लिए शुभ है। इसके बाद प्रदोष काल में भी पूजा का शुभ महूर्त शाम को 06:33 बजे से रात को 08:20 बजे तक रहेगा।