भोपाल मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा में 70 से ज्यादा विधायक ऐसे हैं जो 5 से 7 बार चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। नए मुख्यमंत्री के लिए इस बार मंत्रिमंडल का गठन करना बड़ी परीक्षा होगी। इंदौर से ही 6 दावेदार, भोपाल से 5, जबलपुर से 4 मंत्री पद के दावेदार हैं। इसके अलावा भी कई दिग्गज नेता ऐसे हैं जिनको मंत्रिमंडल में स्थान देना होगा। फिलहाल तो मुख्यमंत्री पद को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है।
मध्यप्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर मंथन का दौर जारी है। चीजेपी का आलाकमान यानी पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तय करेंगे कि प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही हाथों में रहेगी या किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा। लेकिन जो भी सीएम होगा उसके सामने अपनो कैबिनेट बनाने की बड़ी चुनौती होगी। मंत्रिमंडल बनाने के लिए अड़तीस की अड़चन है। ये 38 विधायक वो हैं जो चार बार से लेकर नौ बार तक के विधायक हैं। BJP आखिर किसको छोड़ें और किसको कैबिनेट में शामिल करें, यह सवाल सरकार के मुखिया से लेकर संगठन तक के माथे पर सलवटें ला सकता है।
चार महीने बाद लोकसभा चुनाव है लिहाजा मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण बैठाना भी जरूरी है। ये चुनौती अब और भी बड़ी हो गई है, क्यों कि केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने भी विधायकी जीतने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब वें प्रदेश की कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। कैबिनेट में अधिकतम 34 विधायकों को शामिल किया जा सकता है लेकिन दावेदार 38 से ज्यादा हैं। बीजेपी में 38 से ज्यादा ऐसे विधायक हैं जो चार से 9 बार तक विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री को मन की कैबिनेट बनाने से पहले सीनियरिटी का ध्यान रखना होगा। MP BJP
प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि न मेरा नाम सीएम की रेस में है ना मेरे मन के अंदर है। जो काम पार्टी ने दिया है उसे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा करने का काम मेरा नहीं है, जिनका यह काम है वह कर रहे हैं। हम 2024 की तैयारी के लिए हर बूथ पर मोदी अभियान के साथ जुट गए हैं। शर्मा बुधवार को बोर्ड ऑफिस चौराहे पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ बाबा साहब अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनकी तस्वीर पर पुष्पाजलि अर्पित करने पहुंचे थे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के ईवीएम पर सवाल उठाने के सवाल पर शमां ने कहा वे जनता की अदालत में हार के बाद इधर उधर की बातें करते हैं।
ये हैं वरिष्ठ विधायक, जिनकी दावेदारी
कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, मालिनी गौड़, तुलसीराम सिलावट, गोपाल भार्गव, बजेट प्रताप सिंह, जयंत मलैया, मीना सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, संजय पाठक, अजय विश्नोई, प्रहलाद सिंह पटेल, डॉ सीतासरण शर्मा, राकेश सिंह, सुरेंद्र पटवा, उदयप्रताप सिंह, डॉ प्रभुराम चौधरी, रीति पाठक, विश्वास सारंग, बिसाहूलाल सिंह, करण सिंह वर्मा, नागेंद्र सिंह नागौद, विजय शाह, भूपेंद्र सिंह, अर्चना चिटनिस, गिरीश गौतम, गोविंद सिंह राजपूत, एंदल सिंह कंसाना, नारायण सिंह कुशवाह, बजेंद्र सिंह यादव, मोहन यादव, शैलेंद्र जैन, हरदीप सिंह डंग, प्रदीप लारिया, ओमप्रकाश सकलेचा, प्रद्युमन सिंह तोमर, नागेंद्र सिंह गुढ़ हैं।