Health: शराब से जुड़ी बीमारियों के कारण 26 लाख लोगों की मौत!

26 lakh people died due to alcohol related diseases!
26 lakh people died due to alcohol related diseases!

नई दिल्ली । चेतावनी के बावजूद लोग शराब का सेवन करना जारी रखते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। शराब के अत्यधिक सेवन से हार्ट डिजीज, कैंसर, लीवर संबंधी बीमारियां, डायबिटीज, डिप्रेशन और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में शराब से जुड़ी बीमारियों के कारण 26 लाख लोगों की मौत हुई, जिसमें 20 लाख पुरुष और 6 लाख महिलाएं शामिल थीं। ये आंकड़े बताते हैं कि शराब का सेवन कितना खतरनाक हो सकता है। कुछ लोग शराब को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानते हैं, लेकिन रिसर्च बताती हैं कि इसके दुष्प्रभाव अधिक हैं। हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब को डाइनिंग एक्सपीरियंस और सोशल इवेंट्स का हिस्सा माना जाता है, लेकिन इसके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अमेरिका में शराब उद्योग हर साल 250 अरब डॉलर से अधिक की बिक्री करता है, जिससे यह अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, लेकिन इसके सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी उतने ही बड़े हैं।

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शराब के सेवन से लीवर सिरोसिस, लीवर फेलियर और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह हार्ट फेलियर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा, यह कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और एडिक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं द्वारा शराब का सेवन बच्चे के मस्तिष्क और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है। शराब के नशे में दुर्घटनाओं, आत्महत्या और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।

कई देशों में शराब के विज्ञापनों और प्रचार पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद इसका सेवन लगातार बढ़ रहा है। शराब पर नियंत्रण और जागरूकता बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोग इसके दुष्प्रभावों को समझें और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को शराब की लत से बचाने के लिए सरकार को सख्त नियम बनाने चाहिए और नशा मुक्ति कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। बता दें कि शराब की लत और इसके बढ़ते सेवन को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। यह न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से गहराई से जुड़ा हुआ है।

source – ems